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सीधी में युवक के मुंह पर पेशाब करना, सत्ता के नशे की पराकाष्ठा-कांतिलाल भूरिया

Editor by Editor
July 5, 2023
in खबरे
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सीधी में युवक के मुंह पर पेशाब करना, सत्ता के नशे की पराकाष्ठा-कांतिलाल भूरिया
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भोपाल।पूरी दुनिया ने कल वह शर्मनाक वीडियो देखा जिसमें सीधी के भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला का विधायक प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला एक आदिवासी युवक के ऊपर पेशाब कर रहा है। सत्ता के घमंड में चूर भाजपा नेता सिगरेट पी रहा है और फिल्मों के खलनायकों की तरह अमानवीय तरीके से आदिवासी युवक को अपमानित कर रहा है। आदिवासी युवक लाचार और बेबस इस अमानवीय कृत्य को बर्दाश्त कर रहा है। सीधी की यह घटना संपूर्ण आदिवासी समाज का अपमान है और इस घटना ने मध्य प्रदेश को पूरी दुनिया में शर्मसार किया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय भोपाल में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए यह बात कही।

भूरिया ने कहा कि यह मामला कुछ महीने पुराना बताया जाता है, लेकिन इस पर कार्यवाही की बातें तब शुरू हुई जब कल यह वीडियो वायरल हो गया। आदिवासी उत्पीड़न को लेकर भाजपा कितनी दुष्टता पर उतर आई है, इसे इस प्रकरण के पूरे घटनाक्रम से समझा जा सकता है।
पहले तो भाजपा नेता आदिवासी युवक के चेहरे पर पेशाब करता है और उसे और उसके परिवार को इतना भय हो जाता है कि वह कई दिन बीतने के बावजूद पुलिस में शिकायत तक नहीं कर पाता। उसके बाद आरोपी या उसके समर्थक पीड़ित से जबरन एक हलफनामा लिखवा लेते हैं जिसमें वह कहता है कि उसे इस कृत्य से कोई आपत्ति नहीं है, इस कृत्य का वीडियो फर्जी है।
क्या संसार में कभी कोई ऐसी मिसाल मिलती है, जहां किसी व्यक्ति का शोषण किया जाए और यहां तक कि उसके मुंह पर पेशाब कर दी जाए, उसके बाद वह कहे कि उसे कोई तकलीफ नहीं है। यह भाजपा की चोरी और सीनाजोरी का मामला है।
भारतीय जनता पार्टी के षड्यंत्र को समझना हो तो उस एफआईआर को भी देखना चाहिए जिसमें आरोपी प्रवेश शुक्ला के चाचा ने आरोपी के गुमशुदा होने की रिपोर्ट घटना का वीडियो वायरल होने के तीन-चार दिन पहले ही दर्ज करा दी। गुमशुदा रिपोर्ट में यह लिखा गया है कि प्रवेश शुक्ला का एक वीडियो वायरल किया जा सकता है जिसमें वह एक आदिवासी युवक के ऊपर पेशाब कर रहा है।
शिवराज सिंह चौहान सरकार की पुलिस ने रिपोर्ट तो दर्ज कर ली, लेकिन एक बार भी उस आदिवासी युवक से यह पूछने की कोशिश नहीं की कि क्या वाकई ऐसी घटना हुई है या नहीं? जो वायरल वीडियो देखने के बाद हर व्यक्ति को यकीन हो गया कि यह वीडियो सत्य है, आखिर रिपोर्ट लिखते समय पुलिस को इस बात पर बिल्कुल भी संदेह क्यों नहीं हुआ कि वह इस वीडियो की सत्यता पहचाने और इसके पीछे के षड्यंत्र को समझे।
पूरे मामले को ध्यान से देखे तो समझ में आता है कि भाजपा विधायक और उसके विधायक प्रतिनिधि सत्ता के मद में स्थानीय गुंडों की तरह काम कर रहे हैं जो किसी आदिवासी के चेहरे पर पेशाब कर सकते हैं, उसका वीडियो सार्वजनिक करने वाले को धमका सकते हैं, अपनी मनमर्जी से हलफनामा तैयार करवा सकते हैं और पुलिस, पैसा, प्रशासन के गठजोड़ से खुद को ही फरियादी बता कर रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं।
आप सबको याद होगा कि 2 साल पहले इसी सीधी में कई पत्रकार साथियों को निर्वस्त्र करके थाने के लॉकअप में बंद कर दिया गया था। वह पत्रकार भी भाजपा के इसी जंगलराज को उजागर करना चाहते थे। पत्रकारों को इस तरह अर्धनग्न कर लॉकअप में बंद करने की ताकत रखने वाले भाजपा नेता आश्वस्त थे कि उनके डर के मारे कोई इस वीडियो को सामने नहीं लाएगा।
श्री भूरिया ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब मध्यप्रदेश में आदिवासी अत्याचार का इतना भयानक मामला सामने आया है। बीते 2 साल पहले देवास जिले के नेमावर में आदिवासी युवती और उसके पूरे परिवार को जिंदा जमीन में गाड़ दिया गया था। उस घटना का भी 45 दिन तक पुलिस पता नहीं लगा सकी थी और इस दौरान आरोपी पुलिस के साथ ही घूमता रहा था। उस समय भी पीड़िता के परिजन की सुनवाई नहीं हो रही थी। डेढ़ महीने बाद समाज के दबाव के बाद उस मामले में कार्यवाही हुई थी।
इसी मध्यप्रदेश में मंदसौर में आदिवासी युवक को कार से बांधकर घसीटने का मामला भी सामने आया था। इस नृशंस हत्याकांड में भी आदिवासी युवक को घसीट कर मार डाला गया था। इस हत्या का आरोप भी भारतीय जनता पार्टी से जुड़े लोगों पर लगा था। सिवनी में दो आदिवासी युवकों की मॉब लिंचिंग कर हत्या कर दी गई थी उसका आरोप भी बजरंग दल से जुड़े लोगों पर लगा था।
श्री कांतिलाल भूरिया ने कहा एक बात और गौर करने लायक है कि चाहे सीधी की घटना हो, चाहे सिवनी की घटना हो और चाहे मंदसौर की घटना हो सभी जगह आरोपियों ने या उनके साथियों ने इन घटनाओं के वीडियो बनाए। क्या कोई अपराधी अपने अपराध का वीडियो बनाता है? लेकिन भाजपा के लोग वीडियो बनाते हैं और उन्हें आगे बढ़ाते हैं। क्योंकि उन्हें पता है कि इस तरह के वीडियो सार्वजनिक करने से उनके इलाके में उनकी गुंडागर्दी और उनका भय और ज्यादा व्याप्त हो जाएगा।
आरोपी की फोटो विधानसभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम, गृह मंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा और अन्य भाजपा नेताओं के साथ है। इससे पता चलता है कि भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ उसका किस तरह का संबंध है।
श्री भूरिया ने कहा कि मध्य प्रदेश पहले ही आदिवासी समाज के उत्पीड़न में नंबर वन है। मध्यप्रदेश में देश की सबसे अधिक आदिवासी आबादी रहती है। शिवराज सरकार के 18 साल में आदिवासी अत्याचार बेहिसाब बढे़ हैं। भाजपा ने कभी कोई कसर नहीं छोड़ी आदिवासियों पर अत्याचार करने में।
श्री भूरिया ने कहा कि कल कांग्रेस और आदिवासी समाज के दबाव में मुख्यमंत्री ने आरोपी के ऊपर एनएसए लगाने की घोषणा की है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पीड़ित को न्याय मिल ही जाएगा? छोटे-छोटे मामलों में बेवजह आदिवासी दलित, अल्पसंख्यक और कांग्रेसियों के घर पर बुलडोजर चलाने वाले शिवराज सिंह चौहान बताएं कि आखिर किस के डर से उन्होंने प्रवेश शुक्ला के घर पर अब तक बुलडोजर नहीं चलाया है। सीधी के विधायक और प्रवेश शुक्ला के संरक्षक केदारनाथ शुक्ला ने कल टेलीविजन पर दी वाइट में स्पष्ट किया कि आरोपी का मकान तोड़ने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा जो व्यक्ति अपराध के सार्वजनिक रूप से सामने आने के पहले ही पीड़ित पर दबाव बनाकर हलफनामा लिखवा सकता है, पुलिस पर दबाव बनाकर अपनी कमजोरी की झूठी रिपोर्ट लिखा सकता है, क्या आगे वह पीड़ित के परिवार को दबाव में नहीं लाएगा?
श्री भूरिया ने कहा की जरूरत इस बात की है कि इस मामले की जांच मध्य प्रदेश पुलिस की जगह सीबीआई को दी जाए और मामले की सुनवाई भी मध्य प्रदेश से बाहर किसी गैर भाजपा शासित राज्य की अदालत में कराई जाए।
श्री भूरिया ने कहा कि पीड़ित परिवार को तत्काल 2 करोड रुपए मुआवजा दिया जाए और परिवार के दो सदस्यों को सरकारी नौकरी दी जाए।
श्री भूरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सामने आकर आदिवासी समाज से माफी मांगनी चाहिए। शिवराज जी के कार्यकाल में आदिवासियों पर अत्याचार के 30,000 से अधिक मामले सामने आए हैं, जबकि लाखों मामले ऐसे हैं, जिन्हें सामने आने ही नहीं दिया गया।
श्री भूरिया ने कहा कि माननीय कमलनाथ जी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी आदिवासी अत्याचार के खिलाफ लगातार आवाज उठाती रहेगी। यह कांग्रेस पार्टी ही थी जिसने नेमावर हत्याकांड के बाद पीड़िता के परिवार को 25 लाख रुपए कांग्रेस पार्टी की ओर से आर्थिक सहायता दी थी। भारतीय जनता पार्टी ने अपने खाते से आज तक किसी पीड़ित आदिवासी को एक पैसा दिया हो तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हमें बताएं।
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