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पंड्या और गिल दोनों ने गुजरात टाइटंस के लिए बल्ले से दमदार प्रदर्शन दिखाया जिसमें दोनों ने क्रमश: 487 और 483 रन बनाये और अपनी टीम के सर्वाधिक रन जुटाने वाले खिलाड़ी रहे. वहीं मोहम्मद शमी (20 विकेट) और राशिद खान (19 विकेट) गेंद से उनके मुख्य मारक गेंदबाज रहे. गुजरात टाइटंस को अपने तेज गेंदबाज लोकी फर्ग्युसन को जाने देना पड़ा है, लेकिन उनकी अनुपस्थिति से उनकी गेंदबाजी कमजोर नहीं होगी. उनके अटैक में आयरलैंड के तेज गेंदबाज जोश लिटिल, वेस्टइंडीज के अल्जारी जोसफ, शिवम मावी, यश दयाल और कुछ और गेंदबाज शामिल हैं.
टीम का मजबूत पक्ष :
खिलाड़ियों के बीच अच्छा तालमेल बनाने के लिये पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा की अगुआई वाले कोचिंग स्टाफ को श्रेय दिया जाना चाहिए, विशेषकर खिलाड़ियों की भूमिका को लेकर स्पष्टता के लिए जो सबसे अहम था. आगामी सत्र की तैयारी के दौरान टीम के अनियमित सदस्य मावी और आर साई किशोर ने बताया कि पिछले साल टीम के सफल अभियान में सबसे बड़ा कारण यही था कि खिलाड़ी अपनी भूमिकायें जानते थे जिससे उन्होंने रणनीति के अनुसार खेल दिखाया.
शीर्ष पर गिल की विस्फोटक बल्लेबाजी के अलावा गुजरात के पास पांड्या, बी साई सुदर्शन, मैथ्यू वेड, ऋद्धिमान साहा, डेविड मिलर और राहुल तेवतिया के रूप में काफी अच्छे बल्लेबाज मौजूद हैं जो तेज तर्रार खेल दिखा सकते हैं. केन विलियमसन का टीम में शामिल होना भी टीम के लिये फायदेमंद होगा. साथ ही टीम ने आयरलैंड के टी20 विश्व कप के हैट्रिक गेंदबाज जोश लिटिल और वेस्टइंडीज के ओडियन स्मिथ को भी जोड़ा है. विलियमसन के नाम आईपीएल में 2100 रन हैं और साथ ही उन्हें कप्तानी का भी अनुभव है जो कठिन विकेट पर तीसरे नंबर के बल्लेबाज की भूमिका निभा सकते हैं. अपनी बल्लेबाजी के लिये मशहूर तेवतिया ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2022-23 में गेंद के कौशल का भी प्रदर्शन किया और आठ मैचों में 14 विकेट चटकाए.
गुजरात का कमजोर पक्ष
कागज पर देखें तो टीम ने पिछले सत्र के कमजोर पक्ष की भरपायी कर ली है. टीम की ‘बेंच स्ट्रेंथ’ इतनी मजबूत नहीं थी, मावी ने दावा किया था कि गुजरात टाइटंस ने इसका समाधान ढूंढ लिया है. उदाहरण के तौर पर अगर पंड्या चौथे नंबर पर पारी को संभालने वाले खिलाड़ी थे तो अब उनके पास विलियमसन के रूप में एक और अच्छा विकल्प मौजूद है. टीम को भले ही फर्ग्युसन के रूप में एक अदद तेज गेंदबाज और डेथ ओवर में उनकी पैनी गेंदबाजी की कमी खले, लेकिन यह बड़ी चिंता का विषय नहीं होना चाहिए क्योंकि उनके पास अब काफी विकल्प मौजूद हैं। साथ ही यहां पर योजना के अनुसार खेल दिखाना अहम होगा.
टीम के लिए अवसर :
पिछले साल जब टीम आईपीएल में पहुंची थी तो ज्यादातर लोगों ने गुजरात टाइटंस को दावेदार नहीं माना था जिसमें उनके पास एक स्थापित खिलाड़ी तो मौजूद था, लेकिन उसे कप्तानी का इतना अनुभव नहीं था. पांड्या आकर्षण का केंद्र नहीं थे और टूर्नामेंट शुरु होने के समय उनकी काबिलियत पर भी सवाल बने हुए थे. लेकिन गुजरात टाइटंस धीरे-धीरे सबसे संगठित, सुनियोजित, निर्धारित और अनुशासित इकाई के तौर पर सामने आयी. अगर टीम इस साल भी इसी रवैये से मैदान में उतरती है, तो उसकी प्रतिद्वंद्वी टीमों को उनसे पार पाने में बड़ी कठिनाईयों का सामना करना होगा.
टीम के लिए खतरा :
कोई ऐसा बल्लेबाज है जिसने सभी तीनों प्रारूपों में काफी विकास किया है तो वह गिल ही हैं. अब उन्हें गुजरात की टीम के भविष्य के कप्तान के तौर पर देखा जा रहा है. उनके नाम वनडे में दोहरा शतक है और साथ ही टेस्ट में भी शतक है. वह अपने शिखर पर हैं जिससे वह टीम के सबसे खतरनाक बल्लेबाज साबित हो सकते हैं. पांड्या की कप्तानी प्रेरणादायी है. वह खिलाड़ियों से बराबरी का व्यवहार करते हैं, दोस्त की तरह रहते हैं और उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराने की काबिलियत रखते हैं जो काफी कुछ उनके मुख्य कोच नेहरा की तरह है. पांड्या का बल्ले और गेंद से हरफनमौला कौशल फिर से टीम के लिए महत्वपूर्ण होगा.
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