वीर टांटिया नगर, तेजपुर गड़बड़ी इंदौर में जननायक वीर टंट्या भील मामा का शहादत दिवस बड़े ही सम्मान और गर्व के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में सभी युवा साथी, बस्ती के लोग और माता सावित्रीबाई फुले पाठशाला के बच्चे बड़ी संख्या में शामिल हुए और उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत टंट्या मामा के चित्र पर माला एवं पुष्प अर्पित करके की गई। सभी उपस्थित लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके बलिदान को याद किया।
उनके जीवन और योगदान पर जानकारी दी गई
कार्यक्रम में दुर्गेश मंसूरिया ने बच्चों, युवाओं और उपस्थित लोगों को विस्तृत जानकारी दी। बताया गया कि:
टंट्या भील मामा कौन थे – वे मध्य भारत के अतुलनीय आदिवासी योद्धा, जनता के रक्षक और अंग्रेजी शासन के खिलाफ लड़ने वाले महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे।
वे कहां के रहने वाले थे – वे निमाड़–मालवा क्षेत्र के रहने वाले थे और आम जनता उन्हें प्रेम से मामा कहकर पुकारती थी।
उनके नाम पर ही हमारी कॉलोनी का नाम क्यों रखा गया – जिस बस्ती में हम रहते हैं, उसका नाम “वीर टांटिया नगर” उन्हीं के सम्मान में रखा गया है, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनके त्याग, साहस और आदिवासी स्वाभिमान की परंपरा को याद रख सकें।
वे इतने महान क्रांतिकारी क्यों थे – क्योंकि उन्होंने अंग्रेजों के अत्याचारों के खिलाफ वर्षों तक संघर्ष किया, गरीबों, किसानों और आदिवासी समाज की रक्षा की, और जंगल–जमीन–जन का आंदोलन खड़ा किया।
इस सूचना के दौरान बच्चों और युवाओं ने विशेष रुचि दिखाई और गर्व के साथ उनके जीवन से प्रेरणा लेने का संकल्प लिया।
समुदाय की गर्वपूर्ण भागीदारी
कार्यक्रम में शामिल लोगों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि:
टंट्या भील मामा का साहस, न्यायप्रियता और त्याग आज भी हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनके नाम से हमारी कॉलोनी का नाम होना पूरे समुदाय के लिए गर्व की बात है।
नारे
“जननायक टंट्या मामा अमर रहें – आदिवासी स्वाभिमान अमर रहे!”

