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मध्यप्रदेश में मार्च महीने में बे-मौसम बारिश ने फसलें बर्बाद कर दी हैं,प्रदेश में एक सप्ताह से तेज हवाओं के साथ बारिश व ओलावृष्टि हो रही है,मौसम विभाग का कहना है कि ये सिलसिला 23 मार्च तक चलता रहेगा,इसके बाद मौसम समान्य हो जाएगा ।
भोपाल। मध्यप्रदेश में मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है,दिन में तेज धूप हो रही है तो शाम होते ही घने बादल छा जाते हैं और तेज गति से हवाएं चलने लगती हैं,इसी के साथ बारिश का दौर शुरू हो जाता है,जिसकी वजह से रात के तापमान में गिरावट आ जाती है और सुबह भी ठंडक का एहसास बना हुआ है,मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान और गुजरात में अब भी चक्रवाती समीकरण बन रहे हैं, ऐसे में सोमवार को एक और नया वेदर सिस्टम सक्रिय हो रहा है, जिसके असर से अभी 23 मार्च तक मौसम ऐसा ही रहेगा ।
मौसम विभाग के अनुसार 23 मार्च के बाद ही मौसम के सामान्य होने की उम्मीद है,23 मार्च के बाद तापमान में वृद्धि होगी. पिछले 24 घंटे में प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित कई जिलों में तेज हवा के साथ बारिश और ओलावृष्टि हुई है, सोमवार को भी प्रदेश के सभी संभागों के जिलों में कहीं-कहीं बारिश के साथ साथ ओलावृष्टि होने की आशंका है, उत्तर भारत में भी एक मजबूत वेदर सिस्टम बन रहा है, जिसके प्रभाव से एक और चक्रवात निर्मित हो रहा है,साथ ही राजस्थान और गुजरात मे फिर एक पश्चिमी विक्षोभ बन गया है,इसके असर से दक्षिण पूर्वी हवाएं बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी लेकर आ रही है और प्रदेशभर में बारिश ओलावृष्टि और तेज गति से हवाएं चल रही हैं ।
मौसम विभाग का कहना है कि सोमवार को प्रदेश के 25 जिलो में मौसम का मिजाज बिगड़ा रहेगा, प्रदेश में अभी 24 से 48 घंटे के दौरान जबलपुर सतना, रीवा, भोपाल, ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में 30 से 40 किमी की रफ्तार से हवा चल सकती है,इसके साथ ही गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की भी संभावना है,23 मार्च के बाद मौसम में फिर बदलाव आएगा और तापमान में वृद्धि होना शुरू हो जाएगी, ग्वालियर व चंबल संभाग में अभी कल तक गरज चमक के साथ बूंदाबांदी का दौर चलेगा । इसके बाद अभी सक्रिय वेदर सिस्टम के कमजोर होने के बाद धीरे-धीरे मौसम का सामान्य होगा,वहीं, मध्य प्रदेश के कई जिलों में आंधी और ओलों की वजह से बर्बाद हुई फसलों का सर्वे शुरू हो गया है,कई जिलों में तो किसानों का कहना है कि फसल पूरी तरह से चौपट हो चुकी है,मंदसौर, नीमच सहित ग्वालियर, चंबल संभाग में फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है ।