[ad_1]
इस स्टेडियम का रिवेन्यू मॉडल भी ऐसा बनाया गया है कि इसके रख-रखाव में मुश्किल ना हो और ये मुनाफ़ा भी दे सके. बहरहाल, आपको बताते हैं मोटेरा की 10 ऐसी ख़ास बातें जिसे जानने में आपकी दिलचस्प ज़रूर होगी.
1. दुनिया के सबसे बड़े मोटेरा के सरदार पटेल स्टेडियम को साबरमती नदी के किनारे मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड की तर्ज पर लेकिन एमसीजी (क्षमता 90,000) से भी बड़ा बनाया गया है. इसमें ओलिंपिक साइज़ के 32 फ़ुटबॉल फ़ील्ड समा सकते हैं. इसे और मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड को मशहूर ऑस्ट्रेलियाई आर्किटेक्ट पॉपुलस (Populous) ने ही डिज़ाइन किया है. लेकिन मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड से अलग यहां पिलर यानी खंभों का इस्तेमाल नहीं किया गया है.
2. गुजरात क्रिकेट संघ के अधिकारी फ़ख़्र से बताते हैं कि इसका आइडिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तब दिया था जब वो गुजरात क्रिकेट संघ के अध्यक्ष थे. 63 एकड़ की जमीन पर बने इस स्टेडियम की ख़ासियत ये भी है कि इसमें चार ड्रेसिंग रूम, एक ओलिंपिक साइज़ का स्वीमिंग पुल, 76 कॉरपोरेट बॉक्स हैं. हर कॉरपोरेट बॉक्स में कम से कम 25 व्यक्ति बैठ सकते हैं. इसके अलावा यहां एक इंडोर क्रिकेट अकादमी, बैडमिंटन और टेनिस कोर्ट, स्क्वैश, टेबल टेनिस एरिया, तीन प्रैक्टिस ग्राउंड और 50 कमरे हैं. इसके सभी 76 कॉरपोरेट बॉक्स को अभी ही 2.5 करोड़ रुपये की दर से 25 साल के लिए लीज़ पर दे दिया गया है.काली और लाल मिट्टी से बनी यहां 11 पिचें हैं जिनपर मैच खेले जाएंगे. इसका ड्रेनेज सिस्टम ऐसा है कि यहां से 30 मिनट में ही बारिश का पानी निकाला जा सकता है.
3. पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने मोटेरा में ही पाकिस्तान के ख़िलाफ़ टेस्ट मैचों में 10,000 रनों के आंकड़े को पार करने का इतिहास बनाया था. यही नहीं पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव मोटेरा में 1995 में 432वां विकेट (8 फ़रवरी 1994, हसन तिलकरत्ने का विकेट) लिया और तब दुनिया में सबसे ज़्यादा विकेट लेने के मामले में सर रिचर्ड हेडली के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया था. सचिन तेंदुलकर ने इसी स्टेडियम में (नवंबर 2009 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ खेलते हुए) 30,000 अंतर्राष्ट्रीय रन पूरे किए. यही नहीं सचिन न वनडे मैचों में अपने 18000 रन (ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेलते हुए) पूरे किये.
4. भारत में आयोजित सभी वर्ल्ड कप में मोटेरा को मेज़बानी के मौक़े ज़रूर मिले. मोटेरा की पिच पर 1987, 1996 और 2011 के आईसीसी वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप के मैचों का आयोजन किया जा चुका है.
5. मोटेरा में अबतक 12 टेस्ट, 23 वनडे और एक टी-20 मैच का आयोजन हुआ है. 12 टेस्ट मैचों में भारत को 4 में जीत, 2 में हार का सामना करना पड़ा है जबकि 6 मैच ड्रॉ रहे हैं. 16 वनडे में भारत ने 7 जीते, 8 में हार का सामना करना पड़ा जबकि इकलौते टी-20 में भारत ने पाकिस्तान को 2012 में शिकस्त दी थी.
6. 24 फ़रवरी 2020 को इसी स्टेडियम में ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें क़रीब डेढ़ लाख लोगों ने शिरकत की. इसी स्टेडियम में तैयारी के तौर पर जय शाह इलेवन बनाम सौरव गांगुली इलेवन का मैच कराया गया. इसके अलावा इसी साल यहां सैय्यद मुश्ताक़ अली टूर्नामेंट के फ़ाइनल का आयोजन भी कराया जा चुका है.
7. इस स्टेडियम को बड़ा बनाने का आइडिया नरेंद्र मोदी ने दिया जो उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री और गुजरात क्रिकेट संघ के अद्यक्ष थे. उन्होंने स्टेडियम को रिनोवेट करने के बजाए इसे मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड की तर्ज पर गुजरात क्रिकेट असोसिएशन को इसे दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम बनाने को कहा.
8. 16 जनवरी 2007 से शुरू होकर इसे बनाने में क़रीब ढाई साल का वक्त लगा. इसका काम 2019 में ख़त्म होना था. लेकिन आख़िरकार 2020 फ़रवरी में इसका काम ख़त्म हो सका. उसके बाद कोरोना संक्रमण की चपेट में पूरी दुनिया आ गई. खेल के मैदान भी बंद पड़ गए और इसका खामियाजा मोटेरा के सरदार पटेल स्टेडियम को भी उठाना पड़ा. इस स्टेडियम को लॉर्सन एंड टर्बो कंपनी ने बनाया है. लार्सन एंड टर्बो ने 2022 कतर में होने वाले वर्ल्ड कप का अल राय्यन स्टेडियम भी बनाया है जिसकी क्षमता 40,000 है.
9. मौजूदा स्टेडियम को बनाने के लिए तीन कंपनियों ने बोली लगाई. लार्सन एंड टर्बो ने 677.19 करोड़ रुपये की बोली लगाई, शापूरजी पोलनजी एंड कंपनी लिमिटेड ने 847.88 करोड़ की बोली लगाई और नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड ने 1065 करोड़ रुपये की बोली लगाई. ज़ाहिर तौर पर लॉर्सन एंड टर्बो ने ये बोली जीत ली और स्टेडियम का निर्माण किया.
10. मोटेरा का स्टेडियम पहली बार 1983 में बना था जिसे 2006 में संवारा गया (रिनोवेट किया गया). अब तक 12 टेस्ट, 23 वनडे और 1 टी-20 मैच का गवाह इस स्टेडियम को 2015 में तोड़कर फिर से तैयार किया गया. 2020 में तैयार हुए इस स्टेडियम को बनाने में क़रीब 750-800 करोड़ रुपये (यानी 110 मिलियन अमेरिकी डॉलर ) का खर्च आया.
[ad_2]
Source link